

भिलाई। इंडियन इंस्टिट्यूशन ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (IIIE) भिलाई चैप्टर की मासिक बैठक वर्चुअल माध्यम से ज़ूम मिटिंग के जरिए संपन्न हुई। अध्यक्षता भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व अधिकारी एवं चैप्टर के वाइस चेयरमैन घनश्याम कुमार देवांगन ने की। बैठक में छात्रों की शैक्षणिक और व्यावहारिक दक्षताओं को बढ़ाने के लिए इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग तकनीकों को उनके गतिविधियों में समाहित करने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक में वाइस चेयरमैन घनश्याम देवांगन ने बताया कि स्कूल-कालेजों में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग तकनीक पर आधारित विशेष सत्रों एवं गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, रचनात्मकता, दक्षता एवं कार्य क्षमता का विकास होगा। इसके तहत जुलाई माह से ही स्कूल एवं कालेजों में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग तकनीक के उपयोग से विद्यार्थियों के शैक्षिक उन्नयन हेतु समय-समय पर विशेष सेमीनारों के आयोजन का सिलसिला आरंभ किया जाएगा।
बैठक का प्रमुख आकर्षण भिलाई स्टील प्लांट के उपमहाप्रबंधक एवं चैप्टर सचिव अवनीश दुबे तथा नागेश्वर राव द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत एक विस्तृत केस स्टडी रही। मल्टीलेयर शिक्षण उपकरण के रूप में विकसित इस केस स्टडी का उद्देश्य छात्रों के बीच औद्योगिक अभियांत्रिकी की अवधारणाओं के व्यावहारिक अनुप्रयोग को बढ़ावा देना है। तकनीकी चर्चाओं के अतिरिक्त, चैप्टर द्वारा अपने लेखा-परीक्षित वित्तीय विवरण की समीक्षा की गई तथा आगामी कार्य योजना बनाई गई, जो छात्र सहभागिता और विकास पर केंद्रित रहेगी। बैठक में उपस्थित इंजीनियरों ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में प्रमुख रूप से भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक डी.एम. नायक, पूर्व अध्यक्ष एच.के. देसाई, सचिव अवनीश दुबे, कोषाध्यक्ष विवेक गुप्ता, वरिष्ठ इंडस्ट्रियल इंजीनियर गण एस. के. डोगरा, कमलेश गुप्ता, वी. के. सिंह, मोहम्मद आरिफ खान, नागेश्वर राव की गरिमामय उपस्थिति रही। भिलाई चैप्टर ने शैक्षणिक संस्थानों में औद्योगिक अभियांत्रिकी सिद्धांतों को बढ़ावा देने और उद्योगों के लिए अगली पीढ़ी के पेशेवरों को तैयार करने के अपने संकल्प को दोहराया। बैठक का संचालन एवं आभार प्रदर्शन सचिव अवनीश दुबे ने किया
।